मध्यप्रदेश युवक कॉंग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैय्यद सऊद हसन द्वारा जारी किया गया Facebook Post काफ़ी चर्चा का विषय बन गया है। इस में उन्होंने भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का लापता होने की बात कही है। इंगलैंड की De. Montfort University Students Union (डि. मॉंट्फ़ोर्ट यूनिवर्सिटी छात्र संघ) के उपाध्यक्ष (वाइस प्रेज़िडेंट) रह चुके इस युवा नेता ने बताया कि भोपाल सांसद लगातार ग़ायब हैं और इस कोरोना महामारी की मार झेल रहे भोपाल जिसने उन्हें सांसद बनाया उस शहर की उन्हें कोई चिंता नहीं। जहाँ एक तरफ़ कमल नाथ एवं दिग्विजय सिंह लगातार मध्यप्रदेश की जनता के भलाई का काम कर रहे हैं वही दूसरी तरफ़ प्रज्ञा ठाकुर जैसी नेता का कोई अता पता नहीं है। अंत में सैय्यद सऊद हसन ने कहा भोपाल की जनता ऐसे नेताओं को कभी माफ़ नहीं करेगी और सही समय आने पर सबक़ सिखाएगी
मध्यप्रदेश युवक कॉंग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैय्यद सऊद हसन द्वारा जारी किया गया Facebook Post काफ़ी चर्चा का विषय बन गया है। इस में उन्होंने भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का लापता होने की बात कही है। इंगलैंड की De. Montfort University Students Union (डि. मॉंट्फ़ोर्ट यूनिवर्सिटी छात्र संघ) के उपाध्यक्ष…
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*प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पत्रकारों का रखा ध्यान, अधिस्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं, वेब जर्नलिस्ट को भी मिलेगा फायदा।* *पांच लाख तक का बीमारी में मिलेगा पत्रकारों को इलाज में सहयोग।* *देश के सभी पत्रकारों के लिए केंद्र सरकार का तोहफा* *'पत्रकार वेलफेयर स्कीम' में हुआ संशोधन।* खंडवा। केंद्र सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने के लिए 'पत्रकार वेलफेयर स्कीम' में संशोधन कर दिया है। यह देशभर के सभी पत्रकारों के लिए लागू हो गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए इस स्कीम को फरवरी 2013 में लागू किया गया था। अब इसमें संशोधन किया गया है, जिसका फायदा सभी जर्नलिस्ट्स ले सकेंगे। *यदि किसी जर्नलिस्ट का निधन हो जाता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देगी। वहीं, इलाज के लिए भी पत्रकार को सरकार की ओर से 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।* इस योजना की पात्रता के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है, जिसके संरक्षक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री होंगे। वहीं विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक, एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव समिति के सदस्य हैं। वहीं, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव अथवा निदेशक सदस्य संयोजक हैं। *इस समिति का काम होगा कि ये पीड़ित पत्रकार या फिर उनके परिजनों के आवेदन पर विचार करे तथा उसके मुताबिक आर्थिक सहायता देने का फैसला ले। इस योजना के तहत एक अच्छी बात यह है कि इसमें केंद्र या राज्य सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है।* यह योजना पत्रकारों से संबंधित 1955 के एक अधिनियम "Working Journalists and other Newspaper Employes (Condition of service) And Miscellaneous Provision Act 1955" के तहत पत्रकार की श्रेणी में आने वाले देशभर के जर्नलिस्ट्स पर लागू किया गया है। वेब और टीवी जर्नलिस्ट्स को भी होगा लाभ वहीं, इस योजना का लाभ टेलीविजन और वेब जर्नलिस्ट्स भी ले सकेंगे। न्यूज पेपर्स के बाद टेलीविजन जगत में क्रांति आई और टीवी न्यूज चैनल्स की शुरुआत हुई, वहीं, अब वेब जर्नलिज्म का जमाना आ गया है और वेब पर भी पत्रकारिता की जा रही है। इसके साथ ही सभी न्यूज पेपर्स के एडिटर, सब एडिटर, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो जर्नलिस्ट, फ्रीलांस जर्नलिस्ट, अंशकालिक संवाददाता और उन पर आश्रित परिजनों को भी स्कीम के दायरे में रखा गया है। इसका लाभ लेने की शर्त यह है कि कम से कम 5 साल तक पत्रकार के रूप में सेवाएं दी गई हों। स्कीम के तहत यह जानकारी भी दी गई है कि एक से पांच लाख की सहायता किन परिस्थितियों में पीड़ित पत्रकार या उनके परिजनों को दी जाएगी। *अधिक जानकारी के लिए - http://pib.nic.in/prs/JWSguidelinesEnglish.pdf?Sel=17&PSel=2 इस लिंक पर जा सकते हैं।* अथवा *महानिदेशक (मीडिया एवं संचार), प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, 'ए' विंग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली -110001 से भी संपर्क किया जा सकता है।* जिन पत्रकारों या उनके परिजनों को सहायता चाहिए, वे विहित फॉर्म पर अपने आवेदन दिए गए पते पर भेज सकते हैं। तीन पृष्ठों के इस फॉर्म का नमूना प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पत्र सूचना ब्यूरो) की वेबसाइट pib.nic.in से डाउनलोड कर सकते हैं। *निर्मल मंगवानी पत्रकार खंडवा मध्य प्रदेश*
*प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पत्रकारों का रखा ध्यान, अधिस्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं, वेब जर्नलिस्ट को भी मिलेगा फायदा।* *पांच लाख तक का बीमारी में मिलेगा पत्रकारों को इलाज में सहयोग।* *देश के सभी पत्रकारों के लिए केंद्र सरकार का तोहफा* *'पत्रकार वेलफेयर स्कीम' में हुआ संशोधन।* ख…
<no title>*ब्रेकिंग* भोपाल कलेक्टर का आदेश। केंद्र द्वारा दी गयी राहत का भोपाल में नहीं होगा असर। केंद्र ने दी है दुकानें खोलने की छूट। राज्यों को दिए हैं दुकान खोलने के मामले में फैसला लेने का अधिकार। भोपाल कलेक्टर ने आज आदेश जारी करके कहा कि 3 मई तक कोई छूट नहीं रहेगी। 3 मई के बाद समीक्षा करके आगे का फैसला लिया जाएगा।
*ब्रेकिंग*  भोपाल कलेक्टर का आदेश। केंद्र द्वारा दी गयी राहत का भोपाल में नहीं होगा असर। केंद्र ने दी है दुकानें खोलने की छूट। राज्यों को दिए हैं दुकान खोलने के मामले में फैसला लेने का अधिकार। भोपाल कलेक्टर ने आज आदेश जारी करके कहा कि 3 मई तक कोई छूट नहीं रहेगी। 3 मई के बाद समीक्षा करके आगे का फैसल…
*सूचना देने वाले को 40 हजार का ईनाम* (आज़म खान, भोजताल की नगरी भोपाल) राम गोपाल सिंह एक सेवानिवृत अध्यापक हैं । सुबह दस बजे तक ये एकदम स्वस्थ प्रतीत हो रहे थे । शाम के सात बजते-बजते तेज बुखार के साथ-साथ वे सारे लक्षण दिखायी देने लगे जो एक कोरोना पॉजीटिव मरीज के अंदर दिखाई देते हैं। परिवार के सदस्यों के चेहरों पर खौफ़ साफ़ दिखाई पड़ रहा था । उनकी चारपाई घर के एक पुराने बड़े से बाहरी कमरे में डाल दी गयी जिसमें इनके पालतू कुत्ते "मार्शल" का बसेरा है । राम गोपाल जी कुछ साल पहले एक छोटा सा घायल पिल्ला सड़क से उठाकर लाये थे और अपने बच्चे की तरह पालकर इसको नाम दिया मार्शल। इस कमरे में अब राम गोपाल जी , उनकी चारपाई और उनका प्यारा मार्शल हैं ।दोनों बेटों -बहुओं ने दूरी बना ली और बच्चों को भी पास ना जानें के निर्देश दे दिए गये सरकार द्वारा जारी किये गये नंबर पर फोन करके सूचना दे दी गयी । खबर मुहल्ले भर में फैल चुकी थी लेकिन मिलने कोई नहीं आया । साड़ी के पल्ले से मुँह लपेटे हुए, हाथ में छड़ी लिये पड़ोस की कोई एक बूढी अम्मा आई और राम गोपाल जी की पत्नी से बोली -"अरे कोई इसके पास दूर से खाना भी सरका दो , वे अस्पताल वाले तो इसे भूखे को ही ले जाएँगे उठा के" । अब प्रश्न ये था कि उनको खाना देनें के लिये कौन जाए । बहुओं ने खाना अपनी सास को पकड़ा दिया अब राम गोपाल जी की पत्नी के हाथ , थाली पकड़ते ही काँपने लगे , पैर मानो खूँटे से बाँध दिये गए हों । इतना देखकर वह पड़ोसन बूढ़ी अम्मा बोली "अरी तेरा तो पति है तू भी ........। मुँह बाँध के चली जा और दूर से थाली सरका दे वो अपने आप उठाकर खा लेगा"। सारा वार्तालाप राम गोपाल जी चुपचाप सुन रहे थे , उनकी आँखें नम थी और काँपते होठों से उन्होंने कहा कि "कोई मेरे पास ना आये तो बेहतर है , मुझे भूख भी नहीं है" । इसी बीच एम्बुलेंस आ जाती है और राम गोपाल जी को एम्बुलेंस में बैठने के लिये बोला जाता है । राम गोपाल जी घर के दरवाजे पर आकर एक बार पलटकर अपने घर की तरफ देखते हैं । पोती -पोते प्रथम तल की खिड़की से मास्क लगाए दादा को निहारते हुए और उन बच्चों के पीछे सर पर पल्लू रखे उनकी दोनों बहुएँ दिखाई पड़ती हैं । घर के दरवाजे से हटकर बरामदे पर, दोनों बेटे काफी दूर अपनी माँ के साथ खड़े थे। विचारों का तूफान राम गोपाल जी के अंदर उमड़ रहा था। उनकी पोती ने उनकी तरफ हाथ हिलाते हुए टाटा एवं बाई बाई कहा । एक क्षण को उन्हें लगा कि 'जिंदगी ने अलविदा कह दिया'। राम गोपाल जी की आँखें लबलबा उठी । उन्होंने बैठकर अपने घर की देहरी को चूमा और एम्बुलेंस में जाकर बैठ गये । उनकी पत्नी ने तुरंत पानी से भरी बाल्टी घर की उस देहरी पर उलेड दी जिसको राम गोपाल चूमकर एम्बुलेंस में बैठे थे। इसे तिरस्कार कहो या मजबूरी , लेकिन ये दृश्य देखकर कुत्ता भी रो पड़ा और उसी एम्बुलेंस के पीछे - पीछे हो लिया जो राम गोपाल जी को अस्पताल लेकर जा रही थी। राम गोपाल जी अस्पताल में 14 दिनों के अब्ज़र्वेशन पीरियड में रहे । उनकी सभी जाँच सामान्य थी । उन्हें पूर्णतः स्वस्थ घोषित करके छुट्टी दे दी गयी । जब वह अस्पताल से बाहर निकले तो उनको अस्पताल के गेट पर उनका कुत्ता मार्शल बैठा दिखाई दिया । दोनों एक दूसरे से लिपट गये । एक की आँखों से गंगा तो एक की आँखों से यमुना बहे जा रही थी । जब तक उनके बेटों की लम्बी गाड़ी उन्हें लेने पहुँचती तब तक वो अपने कुत्ते को लेकर किसी दूसरी दिशा की ओर निकल चुके थे । उसके बाद वो कभी दिखाई नहीं दिये । आज उनके फोटो के साथ उनकी गुमशुदगी की खबर छपी है अखबार में लिखा है कि सूचना देने वाले को 40 हजार का ईनाम दिया जायेगा । 40 हजार - हाँ पढ़कर ध्यान आया कि इतनी ही तो मासिक पेंशन आती थी उनकी जिसको वो परिवार के ऊपर हँसते गाते उड़ा दिया करते थे। एक बार रामगोपाल जी के जगह पर स्वयं को खड़ा करो कल्पना करो कि इस कहानी में किरदार आप हो ।आपका सारा अहंकार और सब मोहमाया खत्म हो जाएगा। इसलिए मैं आप सभी से निवेदन करता हूं कि कुछ पुण्य कर्म कर लिया कीजिए, गरीब भूखे लचारो की सहायता किया कीजिए,, जीवन में कुछ नहीं है कोई अपना नहीं है जब तक स्वार्थ है तभी तक आपके सब हैं। जीवन एक सफ़र है मौत उसकी मंजिल है मोक्ष का द्वार कर्म है। यही सत्य है ।
* दिल हिला देने वाली रचना  (केपेसिटी न्यूज  भोपाल) राम गोपाल सिंह  एक सेवानिवृत अध्यापक हैं । सुबह  दस बजे तक ये एकदम स्वस्थ प्रतीत हो  रहे थे । शाम के सात बजते-बजते तेज बुखार के साथ-साथ वे सारे लक्षण दिखायी देने लगे जो एक कोरोना पॉजीटिव मरीज के अंदर दिखाई देते हैं। परिवार के सदस्यों के चेहरों पर ख…
भोपाल। मध्यप्रदेश के तबलीगी जमात के जिम्मेदारों ने कराई COVID-19 की जांच जांच के लिए स्वयं पहुंचे जेपी अस्पताल जांच कराने पहुंचे जिम्मेदारों की रिपोर्ट आई नेगेटिव जमात के मध्यप्रदेश के जिम्मेदार खुसरो मोहम्मद खान साहब, इक़बाल हफीज़ साहब ने की आवाम से अपील जांच कराने और प्रशासन का सहयोग करने की कही बात आवाम से कहा- एहतियात बरतें जो लोग दिल्ली या बाहर गए हैं वो तुरंत ही प्रशासन को दें इत्तेला और कराएं जांच
भोपाल। मध्यप्रदेश के तबलीगी जमात के जिम्मेदारों ने कराई COVID-19 की जांच जांच के लिए स्वयं पहुंचे जेपी अस्पताल  जांच कराने पहुंचे जिम्मेदारों की रिपोर्ट आई नेगेटिव जमात के मध्यप्रदेश के जिम्मेदार खुसरो मोहम्मद खान साहब, इक़बाल हफीज़ साहब ने की आवाम से अपील जांच कराने और प्रशासन का सहयोग करने की कही ब…
कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था। जो कहते थे,मरने तक की फुरसत नहीं है वो आज मरने के डर से फुरसत में बेठे हैं। माटी का संसार है खेल सके तो खेल। बाजी रब के हाथ है पूरा साईंस फेल ।। मशरूफ थे सारे अपनी जिंदगी की उलझनों में,जरा सी जमीन क्या खिसकी सबको ईश्वर याद आ गया ।। ऐसा भी आएगा वक्त पता नहीं था, इंसान डरेगा इंसान से ही पता नहीं था
कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था। जो कहते थे,मरने तक की फुरसत नहीं है वो आज मरने के डर से फुरसत में बेठे हैं। माटी का संसार है खेल सके तो खेल। बाजी रब के हाथ है पूरा साईंस फेल ।। मशरूफ थे सारे अपनी जिंदगी  की उलझनों में,जरा सी जमीन क्या  खिसकी सबको ईश्वर  याद आ गया ।। ऐसा…